Sunday, August 17, 2008

प्रचण्ड प्रधानमन्त्री बने

पुष्प कमल दहाल "प्रचण्ड" नेपाल के नए प्रधानमंत्री निर्वाचित हो गए है । नेपाल में ३ महिने पहले हुए संविधान सभा निर्वाचन पश्चात सहमति के आधार पर राष्ट्रिय सरकार बनाने की कोशिश असफल होने के बाद बहुमतीय आधार पर संविधान सभा ने १५ अगस्त २००८ के दिन उन्हे प्रधानमन्त्री निर्वाचित किया । प्रचण्ड के पक्ष में ४९४ तथा विपक्ष में ११३ मत पडे ।

नेपाल की शासन व्यवस्था अस्थिरता से भरी रही है । चलिए पिछले 60 बर्षो पर एक नजर डालते है ।


सन १९५० - शाह वंशीय राजा प्रभावहीन हो चले थें । शासन की बागडोर राणा वंशीय प्रधानमन्त्री के हाथ में रहती थी । राजा त्रिभुवन ने जन-विद्रोह एवं भारत की मद्दत से राणा शासन व्यवस्था का अंत कर बहुदलीय प्रजातान्त्रिक व्यवस्था स्थापित की ।

सन १९५१ - नेपाली कांग्रेस पार्टी विश्वेश्वर प्रसाद कोईराला नेपाल के पहले निर्वाचित प्रधानमन्त्री बने ।


सन १९६० - राजा महेन्द्र ने सैनिक तंत्र की सहयता से निर्वाचित प्रधानमन्त्री अपदस्थ कर सत्ता अपने हाथों मे ले ली । पंचायती प्रजातन्त्र लागू किया जिससे सत्ता की बागडोर राजा के हाथो में बनी रहती थी ।

सन १०७९ - राजतन्त्र के विरुद्ध हुए आन्दोलन के बाद राजा विरेन्द्र ने जनमत संगह्र की घोषणा की । लेकिन जनमत संग्रह के नतिजे अप्रत्याशित रुपसे बहुदलिय प्रजातन्त्र के विरुद्ध घोषित हुए । जनमत संग्रह से राजतन्त्र फिर से मजबुत हुआ ।

सन १९८९ - राजतन्त्र के विरुद्ध सभी दलो ने संयुक्त आन्दोलन किया जिसके कारणराजा विरेन्द्रको बहुदलिय प्रजातन्त्र की घोषणा करनी पडी । नेपाली कांग्रेस के कृष्णा प्रसाद भट्टराई अन्तरीम प्रधानमन्त्री बने । देश में बहुदलिय प्रजातन्त्र के साथ आलंकरिक राजतन्त्र की व्यवस्था स्थापित हुई । लेकिन राजा सेना प्रमुख बने रहे ।

सन १९९४ - नेपाल में भूमिगत रहते हुए माओवादीयो नें जनयुद्ध शुरु किया । दश बर्षो में करीब २०,००० लोग मारे गए, र्सार्वजनिक संरचनाओ को ध्वस्त किया गया । संसदिय चुनाव सम्पन्न नही करवाए जा सकें ।

सन २००३ - संसदीय चूनाव न होने के कारण उत्पन्न संवैधानिक संकटको दर्शाते हुए राजा ज्ञानेन्द्र ने सत्ता फिर अपने हाथ में ले ली । निर्वाचित संसदको भंग किया ।

सन २००५ - माओवादी तथा अन्य प्रजातान्त्रिक दलों ने दिल्ली बैठक में १२ प्वाईन्ट सम्झौता किया और नेपाल में संयुक्त जन-आन्दोलन शुरु किया गया । इस सम्झौते में भारत सरकार की अप्रत्यक्ष भूमिका रही ।

सन २००६- जन-आन्दोलन के दबाव मे राजा ज्ञानेन्द्र को गिरिजा प्रसाद कोईरालाको प्रधानमन्त्री पद और सम्पर्ण् कार्यकारी अधिकार देना एवं संसद पूनर्स्थापनाको स्वीकार करना पडा ।

सन २००६ - संसद में बडी संख्या मे माओवादीओ को सीधे प्रवेश दिया गया । संसद ने वगैर बहस किए हिन्दु राष्ट्र समाप्त कर धर्म निरपेक्षता की घोषणा किया । इस घोषणा के विरुद्ध हुए प्रदर्शनो और आन्दोलन को संचार साधनो ने नही दिखाया ।

सन २००८ - संविधान सभा निर्वाचन सम्पन्न हुए । माओवादीयो ने वाई.सी.एल. नामक अपनी सशस्त्र टुकडी के बल पर अप्रत्याशित रुप से बहुमत से थोडी कम सीटे हासिल की । निर्वाचित संविधान सभा नें राजतन्त्र के औपचारीक समाप्ती की घोषणा करते हुए देशको संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्र बनाने का घोषणा किया । राजा ज्ञानेन्द्र महल छोड नागार्जुन स्थित अपने निवास मे गए । राम वरण यादव देश के पहले राष्ट्रपति निर्वाचित हुए । प्रचण्ड नेपाल के प्रधानमन्त्री नियुक्त हुए ।

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