भारत के तेजी से विकास के दावे किए जा रहे हैं । लेकिन विकास की परिभाषा विभिन्न लोगो के लिए पृथक पृथक हो सकती हैं । सोने की चम्मच मुंह मे ले कर जन्मे कुछ लोग के लिए भारत मे नित बन रहे नए नए हवाई अड्डे विकास के मील के पत्थर हो सकते है । लेकिन जो लोग धरातलिय यथार्थ पर रहते है उनके लिए विकास का अर्थ है सर्वांगिन विकास । संतुलित विकास ।
आप अगर सीमा पर नेपाल के बीरगंज नगर में जाते है तो आपको नजर आएगी चमचमाती सडके, पार्क और सडक पर बत्ती । लेकिन वहीं आप भारत के रक्सौल नगर मे जाएगें तो कीचड से सनी सडके, अनियंत्रित ट्राफिक और चारो ओर अव्यवस्था हीं अव्यवस्था । ये चीजे भारत की छवि को खराब करती हैं । भारत सरकार के अधिकारी क्यो नही सीमांत नगर रक्सौल को सुन्दर बनाने के लिए केन्द्रिय परियोजना के तहत काम शुरु करते हैं । बिहार की सरकार से कुछ अपेक्षा करना तो बेकार हीं होगा ।
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