जिस प्रकार की घटना मुम्बई मे हुई। जितने बडे पैमाने पर हमला हुआ, जितना सटीक निशाना रहा उसे देख कर नही लगता की कोई भी आतंकी संगठन यह काम कर सकता है। निश्चित ही किसी शक्ति समपन्न देश के संगठीत खुफिया तंत्र के
रेख-देख मे ही यह काम हुआ होना चाहिए। बगैर किसी देश के आर्थिक और रणनितीक मदत के यह काम नही हो सकता है। मै तो कहता हुं की 5 आदमीयो का भी आतंकी समुह बगैर किसी देश के सरकारी आर्थिक मदत के नही बनाया जा सकता है।
मेरा कहने का तात्पर्य यह है की देश के सारे नक्सली, माओवादी एवम जेहादी संगठन किसी न किसी विदेशी ताकत के लिए काम कर रहे है।
कल टीवी पर महेश भट्ट कह रहे थे कि पाकिस्तान पर आरोप नही लगाया जाना चाहिए। अगर पाकिस्तान इन हमलो के पिच्छे नही है तो फिर किस देश की मदत से यह काम हुआ यह महेश भट्ट से पुछा जाना चाहिए। मै तो कहुंगा की महेश भट्ट
का भी नार्को टेष्ट कर के उनके आतंकीयो से सम्बन्ध के बारे मे जांच की जानी चाहिए। क्यो महेश भट्ट जैसे लोग आतंकी घटना के तुरंत बाद आतंकीयो और पाकिस्तान के समर्थन मे बयानबाजी शुरु कर देते है। हो सकता है की महेश
भट्ट ठीक हो, लेकिन उन्हे कहना होगा की अगर पाकिस्तान नही तो फिर कौन सा देश है भारत मे आतंकवाद के पीछे।
इस घटना मे भारत मे आतंकवाद निर्मुलण के लिए काम करने वाले कुछ महत्वपुर्ण व्यक्तियो की हत्या की गई है । जिस आर्टीकुलेटेड (सटीक) तरीके से हत्या की गई है उसे देख कर लगता है की उन लोग को एलीमीनेट (समाप्त)
करना ही इस हमले का उद्देश्य था। सम्भव है की उन जांबाज अधिकारीयो को आतंकवादीयो के बारे मे कोई बेहद महत्वपुर्ण सुचना हाथ लग गई थी। हो सकता है कि हिन्दु आतंकवादीयो के नाम से देश के दुश्मन देश मे हिन्दु-मुसलमानो
के बीच घृणा फैलाने का षडयंत्र कर रहे है यह आभास उन्हे हो चुका हो। अब उनके साथ ही वह महत्वपुर्णॅ राज भी सदा के लिए समाप्त हो गए होगे। देश के दुश्मन अपने योजना मे कामयाब हो गए और मुम्बई की सुरक्षा व्यवस्था धरी की
धरी रह गई।
घटना के बाद कोई छोटे मोटे आतंकवादी संगठन के नाम से कुछ मुसल्मान आतंकी पकडे जाएगे लेकिन मुझे लगता है की वह सब सत्य को छुपाने की एक कवायद भर है। जब हिन्दुओ के नाम से कोई किसी को मारता है तो शर्म से हिन्दुओ की
गरदन झुक जाती है। वैसे ही जब कोई मुसलमान किसी इनसान को मुसलमान के नाम से मारता है तो मुसलमान की भी गरदन झुकती है। तो कौन है इन हमलो के पीछे ?
क्या चर्च से संचालित शक्ति सम्पन्न देशो के खुफिया संगठनो ने इस घटना को अंजाम दिया है ? यह सोचने वाली बात है। इस लाइन पर अनुसंधान होना ही चाहिए। सोनिया गांधी सम्भवतः विश्व के सबसे बडे आतंकी संगठन वेटीकन की
अंग है। क्या भारत, पाकिस्तान सहित दक्षिण एसिया के मुलुक अब तक फिरंगीयो और उनके विभाजनकारी दुष्टताओ को समझ नही पाए हैं। भारत मे संप्रग सरकार स्थापना के बाद नेपाल को भारत अमेरिका और बिलायत की नजर से देखने लगा था और नतिजा हम देख रहे है। पुरे दक्षिण एसिया मे विभाजनकारी ताकतो का बोलबाला हो गया है।
जिन्ना और नेहरु बिलायती एजेंट थे। देश का विभाजन उन दोनो की वजह से हुआ था। गांधी देश का विभाजन नही चाहते थे। आज भी भारत में सोनिया गांधी और कांग्रेस पार्टी विभाजनकारी शक्तियो का हीं प्रतिनिधीत्व करती है। सत्य सरल होते हुए भी हम नही देख पाते क्योकी हमारी समझ पर पर्दा डालने के लिए वे झुठे प्रचार करते है। झुठे प्रचार के लिए उन्होने कैयन तंत्र खडे कर रखे है। मिडीया उनके लिए यह काम कर रही है। जो वह चाहते है वही मिडीया दिखाती है। अतः अगर आप सत्य जानना चाहते है तो मिडीया के इंटेंसंस (नियत) का समझते हुए विश्लेषण करना सिखे।
2 comments:
exactly, you uttered the truth.
likhane ke liye badhai.
dhanyabad
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