नेपाल के माओवादी नेता तथा प्रधानमंत्री प्रचण्ड आज भारत के दौरे के लिए नई दिल्ली रवाना हो गए। 92 सदस्यीय टोली मे अनेक मंत्री, सरकारी अधिकारी एवम निजी क्षेत्र के लोग उनके साथ शामिल है।
भारत और नेपाल के बीच हुई 1950 की सन्धी को खारेज करने के लिए प्रचण्ड लगातार बयानबाजी करते रहे है। भारत ने भी ईस सम्बन्ध मे किसी भी किसिम के पुनर्विचार के लिए तैयार होने की बात दोहराता रहा है। लेकिन 1950 की सन्धी से नेपाल को अनेक लाभ भी है। देखना है की प्रचण्ड प्रधानमंत्री के रुप मे जब जिम्मेवारीपुर्वक बोलने का अवसर आया है तो कुछ कहते है या चुप लगा जाते है। वैसे भारत की गलत विदेश नितियो के चलते नेपाल मे विदेशी छद्म निवेष से संचालित मिडीया इन दिनो प्रबल रुप से भारत का विरोध कर रहा है। नेपाल से भारत को आपुर्ति के लिए जल विद्युत बनाने की प्रचुर सम्भावनाए है, जिसके क्रियान्वयण से नेपाल की आर्थिक अवस्था मे अत्याधिक सकारात्मक प्रभाव पड सकता है। इस काम को गति देने की मांग भी नेपाल मे लोग कर रहे है। देखे प्रचण्ड भारत को मोओवादीयो के प्रति कितना आश्वस्त कर पाते है।
प्रचण्ड भारत मे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सोनिया गान्धी एवम विपक्षी दल के नेता से मिलेंगें।
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