इतनी ऊँची इसकी चोटी कि सकल धरती का ताज यही। पर्वत-पहाड़ से भरी धरा पर केवल पर्वतराज यही। अंबर में सिर, पाताल चरण है । मन इसका गंगा का बचपन है। इस हिमालय की गोद मे बसा देश नेपाल । भारत और नेपाल के लोगो के बीच विशेष प्रकार के सम्बन्ध है । सरकारेँ या मिडिया इस विशेष प्रकार के रिश्ते को समझ पाने मे असमर्थ रही है । यह एक कोशिश है नेपाल की वास्तविकताओ को आप तक पहुँचाने की . . . . . . .
Wednesday, September 17, 2008
नेपाल भारत सिमा पर शंकराचार्य द्वार
कांची कामकोटी पीठ के शंकराचार्य के नेपाल प्रवेश के अवसर पर नेपाल-भारत सिमा पर निर्मित शंकराचार्य द्वार को नेपाल का प्रवेश-द्वार माना जाता है। कलात्मक ढंग से निर्मित इस प्रवेश-द्वार को नेपाल प्रवेश करते समय देखने पर मन श्रद्धा से भर जाता है। यह प्रवेश-द्वार नेपाल एवम भारत के सांस्कृतिक एवं धार्मिक सम्बन्धो का प्रतिक है। बर्तमान भारत सरकार, नेपाल एवम भारत के सम्बन्धो में धार्मिक महत्व की अनदेखी करता रही है। नेपाल मे अवस्थित अनेकानेक धार्मिक स्थानो का हिन्दु एवम बौद्ध परम्पराओं मे विशेष महत्व है।
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